नागपुर विकास आघाडी के नेतृत्व में जन आंदोलन सभा
नागपुर विकास आघाडी के नेतृत्व में जन आंदोलन सभा रविभवन सिविल लाइन नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित मानव हित कल्याण सेवा संस्था के संस्थापक एव अध्य्क्ष कोसारे महाराज के मेरे व्यक्तिगत जीवन काल के अनुभव से अपनी विचारधारा से अवगत कर रहा हूँ किसी भी राजनीतिक पक्ष के नहीं हैं जो लोग जाति धर्म के नाम पर भेद भाव करते हैं, वह मुसीबत के वक्त उनसे भी सहायता लेने से नहीं कतराते है। स्वभाव सबका भिन्न-भिन्न होता है। न किसी के बनाने से बनता है न बिगाड़ने से बिगड़ता है।
हमको मानवता में विश्वास नही खोना चाहिए. मानवता एक समंदर है अगर समुंद्र की कुछ बूँदें गन्दी है तो समुन्द्र गंदा नहीं बन जाता. इंसान तो हर घर में हर जाति धर्मो में हर समाज में पैदा होते हैं, परन्तु इंसानियत कुछ ही घरों में जाति धर्मो में जन्म लेती हैं। भारतरत्न बाबासाहेब डाॅ भीमराव आंबेडकर के विचारो को समझना हैं उनके जीवनकाल एव मरणोपरांत तक उनके लेख एव भाषणों में मौजूद हैं बाबासाहेब के विचार उनकी लम्बी एव कठोर शैक्षिक यात्रा पेशेवर जीवनकाल तथा सामजिक और राजनितिक संघर्ष की उपज हैं उन्होंने भी काफी क्षेत्रों में संघर्ष उन्होंने स्वयं उसका अनुभवों से रूप मिला था उसी के आधार पर भारत का सविधान की उन्होंने स्थापना की आज भी उसी सविधान के भरोसे भारत टिका हुआ हैं।
कोविड 19 कोरोना वायरस के बाद दो वर्षों में गरीबों की भुखमरी बढ़ चुकी हैं चोरियों की वारदाते बढ़ती जा रही हैं अखबारों में आये दिन चोरी डकैती की वारदाते छपती जा रही हैं हमारा भारत देश कौनसे दिशा में जा रह हैं महंगाई बढ़ती जा रही हैं घटने का कोई भी अवसर दिखाई नहीं दे रहा हैं गरीब वर्गों की दशा-दिशा बदल चुकी हैं लोगो की नौकरियों से पढ़े लिखे बच्चों को हात धोना पड़ चूका हैं। काफी लोग आज भी खाली घर में बैठे हुये हैं नौकरियों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
कोविड 19 कोरोना वायरस के बाद दो वर्षों में गरीबों की भुखमरी बढ़ चुकी हैं चोरियों की वारदाते बढ़ती जा रही हैं अखबारों में आये दिन चोरी डकैती की वारदाते छपती जा रही हैं हमारा भारत देश कौनसे दिशा में जा रह हैं महंगाई बढ़ती जा रही हैं घटने का कोई भी अवसर दिखाई नहीं दे रहा हैं गरीब वर्गों की दशा-दिशा बदल चुकी हैं लोगो की नौकरियों से पढ़े लिखे बच्चों को हात धोना पड़ चूका हैं। काफी लोग आज भी खाली घर में बैठे हुये हैं नौकरियों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सरकारी नौकरी में और निजीकरण नौकरी में क्या अंतर है कोरोना काल में सबको इसका अच्छासा अनुभव हो चूका होंगा सभी राजनीतिक पार्टिया अपनी अपनी रोटियां सेखने में लगी हुयी हैं में किसी भी राजनितिक पार्टी का नाम नहीं लेना चाहता हूँ केवल मैं अपनी विचार धारा व व्यक्तिगत अनुभव से सभी समाज को अवगत करने की कोशिश कर रहा हूँ ।
(एससी/ओबीसी/वीजे/एनटी/एसबीसी/एसटी) हो किसी भी जाति वर्ग के लोग हो हम सभी हिन्दुस्थान में रहते हैं इसलिए हम सभी जाती वर्ग के लोग हिंदुस्तानी ही कहलायेंगे और हिन्दू ही कहलायेंगे। या उसके वर्गीकरण या कोई जाति धर्म वर्ग से उसका आज के द्वार में कोई तथ्य नहीं है हर कोई भी समाज में उस व्यक्ति की अपने समाज में क्या अहमियत हैं और उस नेता की हरेक समाज में उसकी क्या पहचान हैं उसकी समाज में जाति धर्म वर्गों से अहमियत नहीं होंगी ।
(एससी/ओबीसी/वीजे/एनटी/एसबीसी/एसटी) हो किसी भी जाति वर्ग के लोग हो हम सभी हिन्दुस्थान में रहते हैं इसलिए हम सभी जाती वर्ग के लोग हिंदुस्तानी ही कहलायेंगे और हिन्दू ही कहलायेंगे। या उसके वर्गीकरण या कोई जाति धर्म वर्ग से उसका आज के द्वार में कोई तथ्य नहीं है हर कोई भी समाज में उस व्यक्ति की अपने समाज में क्या अहमियत हैं और उस नेता की हरेक समाज में उसकी क्या पहचान हैं उसकी समाज में जाति धर्म वर्गों से अहमियत नहीं होंगी ।
उस व्यक्ति की पहचान होंगी तो केवल उसके अच्छे काम से ही होंगी उस नेता की समाज के अंदर उस व्यक्ति की क्या अच्छे काम के बारे में क्या पहचान है हम सभी जाति धर्म के लोग हिन्दू ही हैं हमें ज्यादा अपने बारे में ज्यादा सफाई देने की कोई भी ज्यादा जरुरत नहीं हैं हमें अगर ज्यादा अपने बारे सफ़ाई देना ही हैं तो हम अपने देश के लिये क्या लोक हित के लिए क्या काम कर सकते हैं जब किसी भी चुनाव का वक्त आता हैं तब हमें सभी जाती वर्गों के लोगो की क्यों जरुरत पड़ती हैं।
तब हम जाति पर लड़ाई नहीं करते क्या की तब हमें हरेक जाती वालो से मतदान चाहिए होता हैं ज्यादा से ज्यादा हम लोगो ने देश के विकास की बात करना चहिये गरीबी दूर कैसे होंगी हमारे देश अच्छी सभी वर्गीकरण जाति धर्मों के प्रति आदर सम्मान हो उनके विचाधारा में कोई दम हो सभी मानव जाति के लोगो के लेकर चलने वाला हो उनके केवल विकास और कल्याण के ही बारे में रात दिन सोच विचार वाला ही केवल नेता हो जाति और वर्गों के बारे में बात करके कोई किसी को फायदा आज के योग में पहुंचने वाला नहीं हैं।
आज गरीबी हमारे देश में काफी बढ़ती जा रही जो होनार बच्चे हैं उनके पढ़ाई लिखाई के लिए आज पैसो की जरुरत हैं पढ़ाई लिखाई होने के बाद उनको नौकरी की जरुरत हैं यह सभी बाते केवल मानव जाती के वर्ग के लोगो की होनी चाहिए राजनीती क्षेत्र में और कोई भी इसके अलावा नहीं होना चाहिए भूतपूर्व ७० वर्ष पहले की राजनीती जाति वर्गों पर होती थी लेकिन आज के वर्तमान युग में महानगर,आमदार, खासदार, अन्य और कोई भी चुनाव नेता लड़ता हैं।
तब उस नेता को सभी जनता से यही अपेक्षा होती हैं की हरेक जाति धर्म के लोग उसे मतदान करे और उस नेता को काफी मतों से उसकी विजय कैसी हो यही अपने दिमाग में नशा रहता हैं कोई भी चुनाव के वक्त तक उसके बाद नहीं तब हमारी यह सोच नहीं चलती की केवल हमारे ही जाति वर्ग के लोग ही हमें मतदान करे दूसरे जाति वर्ग के लोग हमें मतदान ना करे तब हमारी यह सोच कहाँ चली जाती हैं तब सभी नेता को सभी जाति धर्म वर्ग के लोग चलते हैं बाद में क्यों नहीं चलते इसलिए मैंने अपने विचाधारा में पहले भी कहाँ हैं की हम सब जाति धर्म वर्ग के लोग हम हिन्दुस्थान में रहते हैं इसलिए हम सभी जाति धर्म वर्ग के लोग हिंदुस्तानी ही कहलायेंगे और हम सभी हिन्दू ही कहलायेंगे।
जय हिन्द जय भारत
तब हम जाति पर लड़ाई नहीं करते क्या की तब हमें हरेक जाती वालो से मतदान चाहिए होता हैं ज्यादा से ज्यादा हम लोगो ने देश के विकास की बात करना चहिये गरीबी दूर कैसे होंगी हमारे देश अच्छी सभी वर्गीकरण जाति धर्मों के प्रति आदर सम्मान हो उनके विचाधारा में कोई दम हो सभी मानव जाति के लोगो के लेकर चलने वाला हो उनके केवल विकास और कल्याण के ही बारे में रात दिन सोच विचार वाला ही केवल नेता हो जाति और वर्गों के बारे में बात करके कोई किसी को फायदा आज के योग में पहुंचने वाला नहीं हैं।
आज गरीबी हमारे देश में काफी बढ़ती जा रही जो होनार बच्चे हैं उनके पढ़ाई लिखाई के लिए आज पैसो की जरुरत हैं पढ़ाई लिखाई होने के बाद उनको नौकरी की जरुरत हैं यह सभी बाते केवल मानव जाती के वर्ग के लोगो की होनी चाहिए राजनीती क्षेत्र में और कोई भी इसके अलावा नहीं होना चाहिए भूतपूर्व ७० वर्ष पहले की राजनीती जाति वर्गों पर होती थी लेकिन आज के वर्तमान युग में महानगर,आमदार, खासदार, अन्य और कोई भी चुनाव नेता लड़ता हैं।
तब उस नेता को सभी जनता से यही अपेक्षा होती हैं की हरेक जाति धर्म के लोग उसे मतदान करे और उस नेता को काफी मतों से उसकी विजय कैसी हो यही अपने दिमाग में नशा रहता हैं कोई भी चुनाव के वक्त तक उसके बाद नहीं तब हमारी यह सोच नहीं चलती की केवल हमारे ही जाति वर्ग के लोग ही हमें मतदान करे दूसरे जाति वर्ग के लोग हमें मतदान ना करे तब हमारी यह सोच कहाँ चली जाती हैं तब सभी नेता को सभी जाति धर्म वर्ग के लोग चलते हैं बाद में क्यों नहीं चलते इसलिए मैंने अपने विचाधारा में पहले भी कहाँ हैं की हम सब जाति धर्म वर्ग के लोग हम हिन्दुस्थान में रहते हैं इसलिए हम सभी जाति धर्म वर्ग के लोग हिंदुस्तानी ही कहलायेंगे और हम सभी हिन्दू ही कहलायेंगे।
जय हिन्द जय भारत
Read More : How to make contact us page for blogger
Read More : How to make contact us page for blogger
कोसारे महाराज :- संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष
मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर
हमारी वेबसाइट में आपका स्वागत हैं
You May Also Like
- https://www.kosaremaharaj.com/2022/11/understanding-the-mind.html
- https://www.kosaremaharaj.com/2022/10/Value-of-man.html
- https://www.kosaremaharaj.com/2022/10/Learn-discipline-from-kite.html
- https://www.kosaremaharaj.com/2022/10/The-existence-and-mystery-of-the-soul.html
- https://www.kosaremaharaj.com/2022/10/There-is-power-in-a-single-person.html
--
0 Comments
Hello friends please spam Comments na karen, aapko Post kaisi lagi aap jarur batayenge aur post share jarur kare