देर से बनो पर जरूर कुछ बनो, क्योंकि वक्त के साथ लोग खैरियत नहीं हैसीयत पूछते है। : Kosare Maharaj

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देर से बनो पर जरूर कुछ बनो, क्योंकि वक्त के साथ

 लोग खैरियत नहीं हैसीयत पूछते है। 




              इंसान ने समय से पूछा कि मैं हर वक्त्त हार क्यों जाता हूं, समय ने कहा कि धूप हो या छांव हो, काली रात हो या बरसात हो, चाहे कितने भी बुरे हालात हो मैं हर वक्त चलता रहता हूं इसलिए मैं जीत जाता हूं। आप भी मेरे साथ चल कभी नहीं हारेगा।हीरे को परखना है तो अँधेरे का इंतजार करो, धूप में तो कांच के टुकड़े भी चमकने लगते है।



              पके हुए फल की तीन पहचान होती है, एक तो वह नरम हो जाता है, दूसरा वह मीठा हो जाता है तीसरा उसका रंग बदल जाता है। जिसमें यह लक्षण ना हो वह कभी भी पका नहीं हो सकता। इसी तरह परिपक्व व्यक्ति की भी तीन पहचान होती हैं पहली उसमें नम्रता होती हैं, दूसरी उसकी वाणी में मिठास होती है, उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग होता है। देर से बनो पर जरूर कुछ बनो, क्योंकि वक्त के साथ लोग खैरियत नहीं हैसीयत पूछते है। तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया जो दिया यहीं से लिया, जो आज तुम्हारा है कल किसी और का था और कल किसी और का होगा। 



              जरूरत से ज्यादा अच्छे बनोगे तो जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किये जाओगे। आप तब तक नहीं हार सकते जब तक आप प्रयास करना नहीं छोड़ देते। वह ईश्वर ना कागज रखता है ना किताब रखता है फिर भी सारी दुनिया का हिसाब रखता है। जो इंसान इतना पढ़ा लिखा रहने के बावजूद समाज की सेवा करने का क्यो हिसाब नहीं रख सकता नित्य नियम से हरेक प्राणी और जीव जंतु से लेकर हर मानव जाती की ना किसी की जात देखता हैं ना प्रान्त देखता हैं कोई धर्म देखता हैं ना उसका रंग रूप देखता हैं निस्वर्त भाव से सेवा करता हैं क्या की वह जनता हैं यह सारे लोग अपने हैं यह पराये नहीं सब लोग अपने हैं। 


              कोई भेद भाव न रखते हुए सभी लोगो की सेवा करता हैं यही गुण लीडरशिप में होना चाहिए तब हम कह सकते हैं की यही हमारे मानव समाज का हितकारी नेता हैं पंछी कभी भी अपने बच्चों के भविष्य के लिए घोंसले नहीं बनाते, वे तो बस उन्हें उड़ने की कला सिखाते हैं। दुनिया वो किताब है जो कभी पढ़ी नहीं जा सकती लेकिन ज़माना वो उस्ताद है जो सब कुछ सिखा देता है। थमती नहीं जिंदगी किसी के बिना लेकिन ये गुजरती भी नहीं अपनों के बिना।



           जरूरी नहीं की हर टुटा हुआ इन्सान आपको रोता हुआ मिले, कुछ लोग अपनी मुस्कान के पीछे लाखों दर्द छूपाए रखते है। अजीब ढंग है जीने का लोग साबुन से चेहरा धोकर साफ़ रखते है और सारा मैल दिल में जमा कर लेते है।क्या हुआ जो हम किसी के दिल में नहीं धड़कते आँखों में तो बहुतों के खटकते है।



इन्सान दुनिया में तीन चीजों के लिए मेहनत करता है,


१. मेरा नाम ऊँचा हो,


2. मेरा लिबास अच्छा हो और मकान खूबसूरत हो।


3. मेरा मकान खूबसूरत हो


लेकिन इंसान के मरते ही भगवान उसकी तीनों चीज़े
सबसे पहले बदल देता है



१. नाम = (स्वर्गीय )


२. लिबास = (कफन )


३. मकान = ( श्मशान )




               लेकिन इन्सान के मरते ही भगवान् उनकी ये तीन चीजें सबसे पहले बदल देता है। नाम स्वर्गीय, लिबास कफन और मकान शमशान। जिंदगी में एक बात हमेशा याद रखना, लोग तभी याद करते है जब वे खुद अकेले होते है। जितना बड़ा सपना होगा उतनी ही बड़ी तकलीफ होगी और जितनी बड़ी तकलीफ होगी उतनी ही बड़ी कामयाबी होगी। मुझे मुझ पर ऊँगली उठाने वाले लोग बहुत अच्छे लगते है क्योंकि वो खुद के बारे में कम और मेरे बारे में ज्यादा सोचते है।मैंने कभी किसी अपने को खुद से दूर नहीं किया, बस जिसका जितना दिल भरता गया वो खुद हमसे दूर होता गया। बड़ी अजीब दुनिया के मेले है दिखती तो भीड़ है पर चलते सब अकेले है।
( कोसारे महाराज )

कोसारे महाराज :- संस्थापक व राष्ट्रीय अध्य्क्ष

मानव हित कल्याण सेवा संस्था नागपुर

 

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Kosare Maharaj

Founder, National President

Manav Hit Kalyan Seva Sanstha 


Contact : 9421778588

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