अपने परिवार को अपनी ताकत समझो, कमजोरी नहीं
परिवार’ एक ऐसा शब्द है, जिसमें मानों पूरी दुनिया ही बसी हो। एक परिवार ही तो होता है, जहां हर सुख-दुख को मिलकर बांटा जा सकता है। परिवार के सदस्यों के बिना जिंदगी अधूरी होती है। इसलिए, परिवार के हर सदस्य की जिम्मेदारी होती है कि एक दूसरे का हमेशा साथ दें अपने परिवार को अपनी ताकत समझो, कमजोरी नहीं एक अच्छे परिवार का सबसे बड़ा गुण उसकी एकता है। पैसा इंसान किसी भी तरह कमा लेता है, लेकिन उस पैसे से परिवार के साथ रोटी खाना सबसे बड़ी बात है। आप खुद अपना परिवार नहीं चुनते, परिवार भगवान का दिया हुआ उपहार है।जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है,
परिवार का संबंध कैसे हो :
एक सच्चा दोस्त और एक अच्छा परिवार।परिवार खून से परिभाषित नहीं होता, यह प्रतिबद्धता और प्यार से परिभाषित होता है। जीवन की खूबसूरत जमीन पर, परिवार के साथ आनंद लेना, सबसे अच्छा नसीब होता है। अपने परिवार के साथ स्वादिष्ट भोजन करना और, आराम करना ही दुनिया का सबसे बड़ा सुख है। हमारे लिए परिवार मतलब वही है, जब हम अपनों के बीच होते हैं, उससे सुरक्षित जगह दुनिया में कोई भी नहीं। बहुत से लोग अपना भाग्य बना सकते हैं, लेकिन, परिवार हर कोई नहीं बना सकता है। परिवार कोई चीज नहीं, जिसे खरीदा जा सके, यह वो एहसास है, जो प्यार से ही बन पाता है। एक परिवार ही एक व्यक्तित्व को पूरा करता है, और अगर आप पूरे हो गए हैं, तो आपसे बेहतर दुनिया में कोई नहीं। पारिवारिक जीवन एक ऐसा सुख है, जहां सभी गुनाहों की माफी है। पारिवारिक संबंधों का मतलब ही यही है कि, आप चाह कर भी अपनों से नहीं भाग सकते। परिवार सिर्फ महत्वपूर्ण चीज ही नहीं, परिवार सब कुछ है। परिवार हमें हर मुश्किल से बचाता है,
परिवार से व्यवहार कैसे करे :
परिवार अपनेपन का एहसास कराता है। जहां हमेशा भरोसा, सुरक्षा और उम्मीद है, वो कोई और नहीं सिर्फ परिवार में ही है। एक अच्छा परिवार, दूसरा सच्चा यार, खुशी के सबसे मजबूत धागे हैं। परिवार छिपे हुए खजाने की तरह है, मिल गया तो बेहतर, न मिले तो बदतर। अपने परिवार से दोस्त की तरह व्यवहार करें, और अपने दोस्तों से एक परिवार की तरह। परिवार स्वतंत्रता की परिभाषा है, जहां इंसान खुलकर सांस ले सकता है। आज और कल सिर्फ अपने परिवार का सोंचे, परिवार से कितना प्यार है दिखाने से न रोकें, अपने परिवार की खुलकर तारीफ करें। आप क्या हैं, परिवार को फर्क नहीं पड़ता, परिवार टूटकर प्यार करता है, परिवार मुस्कुराता हुआ देखना चाहता है, आप जैसे हैं, अपने परिवार के लाडले हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारा घर कितना बड़ा है, मायने यह रखता है कि घर में प्यार कितना है। परिवार सच्ची सफलता और मजबूती की जड़ होता है। जहां पर बच्चों के सिर पर बड़ों का आशीर्वाद होता है। हर मुसीबत से जो बचाता है, वो परिवार है। एक मजबूत परिवार की जरूरत भला किसे नहीं होती है, एक परिवार ही है, जो बिना शर्त आपसे प्यार करता है।
परिवार की ताकत कैसे बढ़ती हैं :
परिवार का जुड़ाव हमारे अतीत से है, और परिवार ही भविष्य तक पहुंचने का पुल है। हमारे जीवन की सबसे बड़ी पाठशाला परिवार है, जीवन की हर सीख परिवार ही देता है। घर में साथ-साथ रहना परिवार नहीं, लगाव, परवाह और एक साथ जीना ही परिवार है। आप जिस भाग्य की तलाश में घर छोड़ते हैं, वही भाग्य आपको परिवार की कद्र भी सिखाता है। परिवार बिना इंसान इस तरह है, जैसे ठंड में बिना कंबल के खुले आसमान के नीचे सोना। परिवार जीवन की खूबसूरत शर्त है, जो बुराई के बाद भी हमें, कई बार सुधरने का मौका देता है। परिवार की ताकत सदस्यों से नहीं, परिवार की ताकत प्यार से बढ़ती है। परिवार का प्यार किसी विरासत से कम नहीं, परिवार के होते किसी को कोई गम नहीं, कद्र करो उस प्यार की यारों, परिवार से बड़ा कोई भगवान नहीं। जिस दिन आप पैदा होते हैं, और जिस दिन मरते हैं, सबसे पहला आंसू, आपका परिवार ही बहाता है। परिवार की ताकत पहचाननी है, तो परिवार के साथ रहना सीखो।
व्यक्ति को कमजोर होने का क्या कारण है :
दुनिया का बड़ा सत्य है कि हर इंसान शक्ति के साथ ही अपने अस्तित्व को बनाए रख सकता है। सच तो यह भी है कि इस दुनिया में शक्तिहीन होना बहुत बड़ा अभिशाप है। कायर, कमजोर, दब्बू एवं असहाय व्यक्ति के साथ शोषण और अन्याय होता है। उसकी कमजोरियों का नाजायज फायदा उठाकर लोग अपने स्वार्थों को पूरा करते हैं। शक्ति संसार पर शासन करती है। इसलिए अपनी क्षमताओं को कभी नकारें नहीं। प्रत्येक आदमी शक्तिशाली है। फिर भी कुछ लोगों की शिकायत है और रहती है, क्या करें? हममें यह शक्ति नहीं है। अपने आपको अशक्त, अक्षम, कमजोर और दुर्बल अनुभव करते हैं। शक्ति के होने पर भी इतनी अशक्ति की बात अजीब ही कही जाएगी। अध्यात्म के क्षेत्र में भी शक्ति की चर्चा होती है। अध्यात्म ही व्यक्ति को शक्तिशाली बनाता है। बहुत से लोग जो खुद को कमजोर, लाचार महसूस करते हैं, उसकी वजह यह है कि वे अपनी शक्ति से परिचित नहीं हैं और अपनी शक्ति का उपयोग करना नहीं जानते। इसीलिए शक्ति-संपन्न होते हुए भी अपने आपको दुर्बल अनुभव करते हैं। शक्ति का अनुभव और शक्ति का उपयोग करना अध्यात्म के द्वारा संभव हो सकता है। जो आदमी अपने भीतर गहराई से नहीं देखता, वह अपनी शक्ति से परिचित नहीं होता। ऐसे व्यक्ति आत्मा का आनंद भी नहीं उठा पाते। आत्मा का आनंद उसकी शक्ति का परिचायक है। जिसे अपनी शक्ति पर भरोसा नहीं होता, जो अपनी शक्ति को नहीं जानता, उसकी सहायता भगवान भी नहीं कर सकता। लेकिन जो अपनी ही शक्ति से अनजान है, वह उस पर भरोसा कैसे करे। तो सबसे बड़ी बात है शक्ति का अनुभव करना।
( कोसारे महाराज )
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