मनुष्य के दुःख व सुख का स्त्रोत अंदर है और अंतर्मुख्ता ही दुःख को सुख में बदलने का तरीका है। जो सब्र के साथ इंतजार करना जानते है। उनके पास हर चीज किसी न किसी तरीके से पहुंच जाती है। जो मंज़िलो को पाने की चाहत रखते हैं, वो लोग समंदर पर भी पत्थरों के पुल बना देते हैं। कौन, कब,मनुष्य के दुःख व सुख का स्त्रोत अंदर है और अंतर्मुख्ता ही दुःख को सुख में बदलने का तरीका है। जो सब्र के साथ इंतजार करना जानते है। उनके पास हर चीज किसी न किसी तरीके से पहुंच जाती है। जो मंज़िलो को पाने की चाहत रखते हैं, वो लोग समंदर पर भी पत्थरों के पुल बना देते हैं। कौन, कब, किसका और कितना अपना है यह सिर्फ वक्त बताता हैं

मनुष्य के दुःख व सुख का स्त्रोत अंदर है और अंतर्मुख्ता ही दुःख को सुख में बदलने का तरीका है। जो सब्र के साथ इंतजार करना जानते है।  उनके पास हर चीज किसी न किसी तरीके से पहुंच जाती है। जो मंज़िलो को पाने की चाहत रखते हैं, वो लोग  समंदर पर भी पत्थरों के पुल बना देते हैं। कौन, कब, किसका और कितना अपना है यह सिर्फ वक्त बताता हैं बेवकूफ इंसान से बातें करके हमारा वक्त ख़राब होता है, उनका कुछ नहीं बिगड़ता है। छोड़ दिया मैंने लोगों के पीछे चलना क्योंकि लोगों के पीछे चलना, क्योंकि मैंने जिसको जितना ज्यादा इज्जत दी।  उसने मुझे उतना ही गिरा हुआ समझा। सपने Upload तो तुरंत हो जाते है , पर Download करने में ज़िन्दगी निकल जाती है। जो गुजर चूका है उसे पीछे मुड़कर कभी मत देखो, वरना जो आगे मिलने वाला है उसे भी खो दोगे।  
( कोसारे महाराज )

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